Friday, 19 September 2014

Aaj Chal Pade Hain Hum


चल पड़े हैं हम... 
जिन राहों पर पत्थर होते थे
निकल पड़ते थे नंगे पैर हम,
उन्हीं राहों की सीरत बदलने
आज चल पड़े हैं हम... 

जहां होता था घाना अँधियारा
और हम उजियारे में भी रोशनी ढूंघते रहते
उन्हीं गलियारों को उजागर करने
आज चल पड़े हैं हम... 

जीन सपनों मे खुशहाली होती
समृद्धि और तरक्की होती
उन सपनों को खुलके जीने
आज चल पड़े हैं हम...
 
बहुत हुआ अत्याचार सहना
गरीबी और निराशा से लड़ना
एक उज्ज्वल और खुशहाल कल के लिए
आज मांग रहे हैं आप का साथ हम
चलो अब चल पड़े हम।

 
राम बिलास शर्मा

भाजपा हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष